अमर उजाला, गोरखपुर
सेक्स ऐसा विषय है, जिसकी जानकारी तो जरूरी है लेकिन हमारे संस्कार और सामाजिक मूल्य इस पर बात करने की इजाजत नहीं देते। ना तो मां-बाप अपनी ओर से कोई राय दे सकते हैं और न ही औलादें जिज्ञासावश भी कुछ पूछने हिम्मत जुटा पाती हैं।
दुनिया भर का ज्ञान देने वाले स्कूल तो इस दायरे में आते ही नहीं। नतीजा यह हुआ है कि किशोर-युवा मन की यौन संबंधी जिज्ञासाएं पोर्न के प्रति लगाव के रूप में उभरती हैं।
अब तक यह साबित भी हो चुका है और बड़ी सामाजिक चिंता के केंद्र में भी है कि धीरे-धीरे लत बन जाने वाला यही लगाव व्यक्ति और समाज के लिए किस कदर खतरा बनता जा रहा है।
विषय विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों में पोर्न की ललक कम करने का उपाय सही समय पर यौन शिक्षा देना है। मनोचिकित्सक डॉ. शाजिया वकार सिद्दीकी इसकी शुरुआत घर से करने की सलाह देती हैं।
चिकित्सीय अनुभव से वे बताती हैं कि सेक्स से जुड़े सवालों को दरकिनार कर ज्यादातर अभिभावकों को यह लगता है कि उनका बच्चा अभी छोटा है और इस तरह के विमर्श के लायक नहीं। पर अक्सर वे गलत होते हैं।
दरअसल बच्चे उनकी सोच से पहले ही इस लिहाज से बड़े हो चुके होते हैं। यही वह समय होता है,जब पोर्न सामग्री खामोशी से उनकी जिंदगी में दाखिल होती है।
विश्वास में लेने की कोशिश करता हूं: डॉ.वीके पांडेय,अलहदादपुर
मेरा मानना है कि अगर बच्चे इस बात पर उतारू हो जाएं कि कोई बात उन्हें छिपानी है तो लाख कोशिश के बाद भी उन पर नजर रखना मुश्किल होगा। ऐसे में एकमात्र रास्ता उनका विश्वास जीतना है और मैं इसी कोशिश में लगा रहता हूं। मैं उनकी जरूरतें समझ पाता हूं और वे भी मुझसे हर बात साझा कर सकते हैं। बच्चे नेट का गलत इस्तेमाल न करें, इस मुद्दे पर भी मैं यही फार्मूला लगाता हूं। दबाव तो कतई नहीं बनाता।
मोबाइल में नेट कनेक्शन बंद किया :नमिता श्रीवास्तव, दीवान बाजार
इस युग में इंटरनेट की जरूरत नजरअंदाज तो नहीं कर सकते मगर उसका इस्तेमाल सीमित कर सकते हैं। मैंने कम्प्यूटर पर ही इंटरनेट लगा रखा है, ताकि यह आसानी से नजर रखी जा सके। बच्चे जब भी नेट का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें बिना अहसास कराए नजर रखती हूं। हां, मोबाइल फोन में नेट कनेक्शन था तो पूरी तरह नजर रखना संभव नहीं था। ऐसे में मैंने और मेरे पति ने फोन पर नेट कनेक्शन बंद करा दिया।
दुनिया भर का ज्ञान देने वाले स्कूल तो इस दायरे में आते ही नहीं। नतीजा यह हुआ है कि किशोर-युवा मन की यौन संबंधी जिज्ञासाएं पोर्न के प्रति लगाव के रूप में उभरती हैं।
अब तक यह साबित भी हो चुका है और बड़ी सामाजिक चिंता के केंद्र में भी है कि धीरे-धीरे लत बन जाने वाला यही लगाव व्यक्ति और समाज के लिए किस कदर खतरा बनता जा रहा है।
विषय विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों में पोर्न की ललक कम करने का उपाय सही समय पर यौन शिक्षा देना है। मनोचिकित्सक डॉ. शाजिया वकार सिद्दीकी इसकी शुरुआत घर से करने की सलाह देती हैं।
चिकित्सीय अनुभव से वे बताती हैं कि सेक्स से जुड़े सवालों को दरकिनार कर ज्यादातर अभिभावकों को यह लगता है कि उनका बच्चा अभी छोटा है और इस तरह के विमर्श के लायक नहीं। पर अक्सर वे गलत होते हैं।
दरअसल बच्चे उनकी सोच से पहले ही इस लिहाज से बड़े हो चुके होते हैं। यही वह समय होता है,जब पोर्न सामग्री खामोशी से उनकी जिंदगी में दाखिल होती है।
विश्वास में लेने की कोशिश करता हूं: डॉ.वीके पांडेय,अलहदादपुर
मेरा मानना है कि अगर बच्चे इस बात पर उतारू हो जाएं कि कोई बात उन्हें छिपानी है तो लाख कोशिश के बाद भी उन पर नजर रखना मुश्किल होगा। ऐसे में एकमात्र रास्ता उनका विश्वास जीतना है और मैं इसी कोशिश में लगा रहता हूं। मैं उनकी जरूरतें समझ पाता हूं और वे भी मुझसे हर बात साझा कर सकते हैं। बच्चे नेट का गलत इस्तेमाल न करें, इस मुद्दे पर भी मैं यही फार्मूला लगाता हूं। दबाव तो कतई नहीं बनाता।
मोबाइल में नेट कनेक्शन बंद किया :नमिता श्रीवास्तव, दीवान बाजार
इस युग में इंटरनेट की जरूरत नजरअंदाज तो नहीं कर सकते मगर उसका इस्तेमाल सीमित कर सकते हैं। मैंने कम्प्यूटर पर ही इंटरनेट लगा रखा है, ताकि यह आसानी से नजर रखी जा सके। बच्चे जब भी नेट का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें बिना अहसास कराए नजर रखती हूं। हां, मोबाइल फोन में नेट कनेक्शन था तो पूरी तरह नजर रखना संभव नहीं था। ऐसे में मैंने और मेरे पति ने फोन पर नेट कनेक्शन बंद करा दिया।
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