टूजी
मामले की जांच से अलग रहने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश की फजीहत झेल रहे सीबीआई निदेशक
रंजीत सिन्हा का कार्यकाल सिर्फ 12 दिन बचा है। मगर सरकार की मुसीबत है कि वह
इतनी
जल्दी नए निदेशक की नियुक्ति का फैसला नहीं लिया जा सकता।
लोकपाल कानून के अमल में आ जाने के बाद सीबीआई निदेशक की नियुक्ति पैनल में प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस या उनके द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि के साथ लोकसभा में विपक्ष का नेता का होना जरूरी है। मगर अब तक विपक्ष के नेता की भूमिका को लेकर कोई साफगोई नहीं है।
हालांकि इस समस्या से निबटने के मकसद से सरकार अगले सत्र में संशोधन लाने पर विचार कर रही है। सिन्हा के विवादास्पद हो जाने के बाद सरकार उन्हें पुख्ता इंतजाम होने तक सेवा विस्तार भी नहीं दे सकती।
No comments