नई दिल्ली। आने वाले दिनों में सचिन तेंदुलकर की आत्मकथा भारतीय क्रिकेट में न जाने कितनी तूफानी खबरें लेकर आएगी जब किताब बाहर आने से पहले ही इतनी चर्चा हो चुकी है। पहले गांगुली ने द्रविड़ और चैपल को लेकर खुलासा किया, फिर जहीर ने भी चैपल पर उन्हें नजरअंदाज करने का आरोप लगाया, फिर कुछ खिलाड़ियों ने सचिन के खुलासों का दबे मुंह समर्थन किया और अब ज्यादातर खिलाड़ी खुले तौर पर इस मामले में सामने निकल कर आ रहे हैं। ताजा बयान हैं गेंदबाज हरभजन सिंह का, जिन्होंने कुछ चौंकाने वाली बातें सामने रखी हैं। आइए जानते हैं कि क्या हैं ये खुलासे।
- टीम के खिलाड़ियों ने दिया था धोखाः
भारतीय टीम से फिलहाल बाहर चल रहे अनुभवी स्पिनर हरभजन सिंह ने खुलासा किया है कि चैपल के कोचिंग कार्यकाल के दौरान टीम में ही कुछ ऐसे खिलाड़ी मौजूद थे जिन्होंने चैपल को गलत जानकारियां दी थीं, जिसका नतीजा भारतीय क्रिकेट के लिए काफी खराब रहा। भज्जी ने कहा, 'चैपल ने भारतीय क्रिकेट को इतनी बुरी तरह से तोड़ा कि तकरीबन तीन साल लग गए दोबारा ट्रैक पर लौटने में। सबसे चिंताजनक बात ये थी कि टीम में ही कुछ ऐसे खिलाड़ी मौजूद थे जिन्होंने कोच चैपल के पास जाकर ऐसी गलत जानकारियां दीं जिसने टीम को तोड़ने का काम शुरू कर दिया।' जब भज्जी से ये पूछा गया कि वो कौन खिलाड़ी थे, तो इस पर उन्होंने कहा, 'जब सही समय आएगा तो नाम भी बता दिए जाएंगे। कुछ खिलाड़ियों ने सोचा था कि चैपल का साथ देकर उन्हें फायदा पहुंचेगा, उन्होंने ये नहीं सोचा कि इससे भारतीय क्रिकेट पर क्या असर पड़ेगा।'
- चैपल कर रहे थे एक चौंकाने वाला 'ई-मेल':
हरभजन ने एक और बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया है। भज्जी के मुताबिक उस दौरान जिंबॉब्वे में चल रही टेस्ट सीरीज के दौरान बुलावायो में खेले जा रहे मैच के बीच में ही चैपल गांगुली के खिलाफ बीसीसीआइ को एक ई-मेल लिखने में व्यस्त थे। भज्जी ने कहा, 'सौरव वहां पिच पर बल्लेबाजी कर रहे थे और ये आदमी (चैपल) सौरव के खिलाफ आलोचनात्मक मेल लिखने में व्यस्त था, वो भी ठीक ड्रेसिंग रूम के अंदर। उन्हें मैच से कोई मतलब नहीं था। मुझे कैसे पता चला? दरअसल, मैं ठीक उनके बगल में ही बैठा था और मुझे शक भी था। वो बाथरूम में गए तो मैंने खुले हुए उनके लैपटॉप में थोड़ी तांकझांक की और जो मैंने वहां लिखा देखा उसने मुझे हैरान कर दिया। जब सौरव मैदान से लौट कर वापस आए तो मैंने उन्हें इसके बारे में बताया और वो भी उतने ही हैरान हुए।'
- छह खिलाड़ी थे चैपल के 'टारगेट' परः
भज्जी ने कहा, 'उस दौरान टीम में छह खिलाड़ी थे जिनसे चैपल निजात पाना चाहते थे। सौरव उनके टारगेट में सबसे ऊपर थे। सौरव के बाद मैं, वीरेंद्र सहवाग, जहीर खान, आशीष नेहरा और युवराज सिंह उनकी लिस्ट में शामिल थे। उन्हें (चैपल) वहां टीम में सुधार करने और टीम को एक स्तर ऊपर ले जाने के लिए रखा गया था लेकिन हकीकत ये थी कि एक समय ऐसा आया जब हम अंडर-14 टीम की तरह खेलने लगे थे।'
- आपस में ही डरने लगे थे खिलाड़ीः
भज्जी ने कहा, 'वो एक ऐसा समय था जब विदेशी दौरों के समय हम आपस में ही एक दूसरे से डरने लगे थे। हम एक दूसरे से अपनी बातें साझा करने से घबरा रहे थे क्योंकि हम एक दूसरे पर भरोसा नहीं कर पा रहे थे। माहौल बहुत बिगड़ चुका था। चैपल खिलाड़ियों को एक-दूसरे से भिड़ा कर अपने फायदे के हिसाब से इस्तेमाल करते थे और इसके लिए उस दौरान बीसीसीआइ के अधिकारियों का भी इस्तेमाल किया करते थे। उन्होंने अपनी मौजूदगी से भारतीय क्रिकेट में नकारात्मक ऊर्जा भर दी थी।'
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